बायपोलर डिसऑर्डर:लाइलाज नहीं

मनवा मेरी अच्छी दोस्तों में से एक है।अपनी लाइफ की हर छोटी बड़ी बात मुझसे शेयर करती है।पर उसे लेकर आजकल मैं कुछ परेशान सी हूं।वजह यह है कि काफी दिनों से उसका कोई फोन नहीं आ रहा है।जरुर कुछ बात तो है।जब मुझे अपनी एक दूसरी दोस्त के जरिए पता चला कि उसका ट्रांसफर मेरे शहर मे ही हो गया है तो कुछ राहत सी महसूस हुई।
बस फिर क्या था जा पहुंची उससे मिलने।बड़ी टेंशन में लग रही थी”क्या बात है…. तबीयत तो ठीक है तेरी आजकल तेरा फोन स्वीच ऑफ क्यों रहने लगा है….?”
“क्या करुं बड़ी परेशानी के दौर से गुजर रही हूं… किसी काम में मन नहीं लगता।”उसने उदासी भरे लहजे में कहा।
“क्यों तबीयत ठीक नहीं है क्या….?”उसे देखकर मुझे बड़ा आश्चर्य हो रहा था।
“मैं तो ठीक हूं पर दर्श….?”
“क्या हुआ उसे….?”
“पता नहीं!समझ नहीं आ रहा,क्या हो रहा है उसे…. कभी तो खूब खुश रहता है और कभी एकदम उदास हो जाता है।सुस्त सा पड़ जाता है।किसी से बात नहीं करता।उसे देखकर ऐसा लगता है जैसे उसकी जीने की इच्छा ही खत्म हो गई हो।कई बार तो कहने लगता है मैं मरना चाहता हूं….।”मनवा के स्वर में निराशा थी।
“पर ऐसा तो बायपोलर डिसऑर्डर में होता है…।”मैं एकदम से कह उठी।क्योंकि इससे पहले मैं ऐसे कुछ लोगों से रूबरू हो चुकी थी।
“बायपोलर डिसऑर्डर….?”यह क्या होता है…. आज तक इसका नाम ही नहीं सुना…!”मनवा आश्चर्य से बोली।
“हां मनवा!बायपोलर अफेक्टिव डिसऑर्डर एक मनोवैज्ञानिक समस्या है इसे पैनिक डिप्रेशन भी कहते हैं।”
“पर डिप्रेशन में तो व्यक्ति हमेशा उदास रहता है… पर दर्श तो….।”
“बायपोलर डिप्रेशन भी डिप्रेशन का एक प्रकार है पर इसमें डिप्रेशन हमेशा नहीं बना रहता। बाइपोलर डिप्रेशन का पेशेंट कभी तो अति प्रसन्न अतिउत्साही आत्मविश्वास से ग्रस्त हो जाता है बड़ी-बड़ी बातें करने लगता है ऐसी योजनाएं बनाने लगता है जिसे पूरा करना उसकी क्षमता से बाहर हो। अनावश्यक खर्च करता है। खुद अपने ही व्यवहार पर नियंत्रण नहीं रख पाता। मन एकाग्र नहीं रहता।और कभी अचानक ही बिल्कुल उदास हो जाता है। किसी काम में दिलचस्पी नहीं रखता। बहुत लो फील करा है। ऐसे मरीज आत्महत्या जैसे घातक कदम भी उठा लेते हैं।”
मनवा को तो मेरी बात समझ में आ गई और वो अपने बेटे को मनोचिकित्सक के पास ले जाने के लिए तैयार भी हो गई पर उसके हसबैंड….वह तो मानने को तैयार ही नहीं थे कि उनका बेटा बायपोलर डिसऑर्डर का मरीज है उन्होंने बेटे की परेशानी को इतनी गंभीरता से लिया ही नहीं!
“दर्श को कोई बीमारी नहीं है।इस उम्र में तो अक्सर यंगस्टर के साथ ऐसा होता ही है!हमारे साथ अपनी परेशानियां,उलझने तो शेयर करते ही नहीं,बस मन ही मन घुटते रहते हैं।हमें उसके प्रति अपना व्यवहार बदलना होगा ताकि वह हमसे अपने मन की बात कह सकें…।”
दर्श के पिता यह सोचते ही रह गए कि उनका बेटा एक दिन अपने मन की बात उनके साथ जरूर शेयर करेगा और वह उसकी सारी परेशानी हल कर देंगे।बस फिर क्या था वही हुआ जो होना था!एक दिन दर्श ने आत्महत्या कर ली।अब वह पछता रहे थे काश!वह अपने बेटे की परेशानी समझ पाते और उसे सही समय पर सही इलाज दे पाते पर अब हो भी क्या सकता था….!
दोस्तों!बायपोलर डिसऑर्डर भी डिप्रेशन का ही एक प्रकार है पर इसमें डिप्रेशन हमेशा नहीं बना रहता!इसमें व्यक्ति कभी तो बहुत खुश रहता है एवं कभी एकदम उदास हो जाता है!अगर आपके घर या आसपास किसी व्यक्ति में यह लक्षण नजर आएं तो उसे तुरंत किसी अच्छे मनोचिकित्सक के पास ले जाएं!सही समय पर सही इलाज मिलने पर बायपोलर डिसऑर्डर का मरीज पूर्णतः स्वस्थ हो सकता है!